OM AGRO TECHNOLOGY, BEST NURSERY FOR FARMING SEEDLINGS
MAHARASHTRA”S FIRST GRAFTING TECHNOLOGY AND TRANSPLANTED SEEDLING
20 YEARS SERVICES TO FARMERS WITH BEST SEEDLING PLANTS QUALITY
WHAT”S AGRO TECHNOLOGY
ABOUT US OM AGRO TECHNOLOGY?
• om agro is a leading company in the country and we have trays of vegetables, fruits, flowers in greenhouses. The annual production capacity of the company is 2 crore plants.
■ Seedlings are grown in a controlled environment in a green house. It controls heat and humidity. By sowing the seeds on the cocopeat bed in the greenhouse
Later it is transplanted in a tray filled with cocopeat. are done. The trays are then placed in a specially designed green house for semihardening. Then the seedlings are sent for planting only after complete hardening in the open environment.
.OM agro ही देशातील अग्रगण्य कंपनी असून आमच्याकडे ग्रीनहाऊसमधील ट्रे मधील भाजीपाला, फळे, फुले यांची रोपे बनवली जातात. कंपनीची प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता 2 कोटी रोपे एवढी आहे.
■ ग्रीन हाऊसमधील नियंत्रित वातावरणात रोपे बनविली जातात. त्यामध्ये उष्णता व आर्द्रता यावर नियंत्रण ठेवले जाते. ग्रीन हाऊसमध्ये कोकोपीटच्या बेडवर बियांची पेरणी करुन
नंतर ती कोकोपीटने भरलेल्या ट्रेमध्ये पुर्नरोपण (Transplanting). केली जातात. नंतर ट्रे खास सेमीहार्डनिंग करिता तयार केलेल्या ग्रीन हाऊसमध्ये ठेवली जातात. नंतर उघड्या वातावरणात पूर्णपणे हार्डनिंग करुनच रोपे लागणीकरिता पाठविली जातात.
CHARACTERISTICS OF PLANTS IN OM AGRO
Complete control over the heat and humidity required for plant formation. * Used cocopeat while sowing seeds and transplanting in trays
Control of soil borne water borne diseases
● Control of external diseases and pests due to specially designed greenhouses. Due to the transplanting of plants in the year, there is a lot of rooting and uniform growth of plants, so all the plants start yielding at the same time.
★ Quality plants are selected and sent only, so the number of plants sent to the actual farm is very low.
Because it is sprayed with insecticides and fungicides while sending it in the field
Savings in 1-2 sprays after planting.
As the plants are sent by carat, there is no damage during transportation.
OM agro मधील रोपांची वैशिष्टये
रोपे तयार करताना त्याकरिता लागणारे उष्णता व आर्द्रता यावर पूर्णपणे नियंत्रण. * बियांची पेरणी करताना व ट्रे मध्ये पुर्नरोपण (Transplanting) करताना कोकोपीट वापरले
मातीमधून येणाऱ्या सीजन्य रोगांवर नियंत्रण
● खास रोपांकरिता तयार केलेल्या ग्रीनहाऊसमुळे बाहेरुन येणान्या रोग व कीड यांवर नियंत्रण. मध्ये रोपांचे पुर्नरोपण (Transplanting) केले असल्यामुळे मुळांचा जारवा भरपूर प्रमाणात नि • एकसमान रोपांची वाढ त्यामुळे एका वेळेस सर्व झाडांचे उत्पन्न सुरू.
★ दर्जेदार रोपांची निवड करुनच रोपे पाठविल्यामुळे प्रत्यक्ष शेतावर रोपे जाण्याचे प्रमाण अत्यल्प.
पाठविताना त्यावर किटकनाशक व बुरशीनाशक औषधांची फवारणी केलेली असल्यामुळे शेतात
लागणीनंतर १-२ फवारणीत बचत.
जागा पोहोच रोपे कॅरेटमधून पाठविल्यामुळे वाहतुकीदरम्यान कोणत्याही प्रकारची इजा होत नाही..
DIFFERENCE IN OM AGRO TECHNOLOGY PLANTS AND OTHER NURSERY PLANTS?
OM AGRO TECHNOLOGY NURSERY
**GRAFTING TECHNOLOGY** ग्राफ्टिंग तंत्रज्ञान उपलब्ध
**FREE HOME DELIVERY**मोफत होम डिलिव्हरी
**FREE CONSULTATION AND TIME TO TIME PLOT VISIT**
1) Uniform growth _ एकसमान वाढ
2) Proper control of diseases and pests_ रोग कीड यावर योग्य ते नियंत्रण
3) Yield starts 10 days earlier at a time due to uniform good growth of plants____ रोपांच्या एकसमान चांगल्या वाढीमुळे एका वेळेस १० दिवस अगोदर उत्पन्न सुरू…
4) Selected good plants are sent._निवड केलेली चांगली रोपे पाठविली जातात.
SIMPLE NURSERY
GRAFTING TECHNOLOGY AVAILABLE NOT _ग्राफ्टिंग तंत्रज्ञान उपलब्ध नाही
CHARGES HOME DELIVERY_होम डिलिव्हरी चार्ज करते
PLOT VISIT NOT AVAILABLE
1) Does not grow uniformly._ एकसमान वाढ होत नाही.
2) Being in open environment,Pests are not controlled.- उघड्या वातावरणात असल्यामुळे रोग कीड यावर नियंत्रण राहत नाही.
3) Decrease in yield and late yield due to weak plants_ कमजोर रोपांमुळे उत्पन्नात घट व उशिरा उत्पन्न
4) No selection is made._ निवड केली जात नाही.
OM AGRO TECHNOLOGY SPECIALIZE IN GRAFTING TECHNIQUE
WHAT IS HE GRAFTING TECHNIQUE ?
Grafting is act of the joining two plants togetherThe upper part of the graft (the scion) becomes the top of the plant, the lower portion (the understock) becomes the root system or part of the trunk. Although grafting usually refers to joining only two plants, it may be a combination of several. —दोन झाडांना एकत्र जोडण्याची क्रिया म्हणजे ग्राफ्टिंग. कलमाचा वरचा भाग (वंशज) झाडाचा वरचा भाग बनतो, खालचा भाग (अंडरस्टॉक) मूळ प्रणाली किंवा खोडाचा भाग बनतो. जरी ग्राफ्टिंग सहसा फक्त दोन झाडे जोडणे संदर्भित करते, ते अनेकांचे संयोजन असू शकते.
BENEFITS OF GRAFTING PLANTS
- High production _उच्च उत्पादन
- Resistance to biotic and abiotic stresses_जैविक आणि अजैविक ताणांना प्रतिकार
Size of plant
बिना ग्राफ्टिंग वाले पौधे आकर में छोटे होते हैँ. ग्राफ्टिंग करने के बाद rootstock के प्रभाव से पौधे बड़े हो जाते हैँ.
Height of plant—————————————————————————————————————
ग्राफ्टिंग के बाद पौधों की ऊँचाई अधिक हो जाती है. अधिक ऊँचे पौधों में अधिक शाखा भी आते हैँ जो अधिक उत्पादन का कारण बनती है.
Number of branches——————————————————————————————————————–
प्रति पौध में शाखाओं की संख्या बढ़ जाती है. Rootstock के ऊपर scion वाले भाग से कई अन्य शाखाएं निकलती हैँ. बढ़ी हुई शाखाओं में flowering और फ्रूटिंग अधिक होती है.
Number of flowers————————————————————————————————————————-
प्रति पौधे में शाखाओं की संख्या अधिक होती है.
हर शाखा में फूल आती है.
इस तरह प्रति पौध में फूलों की संख्या बढ़ जाती है.Number of fruits—————————————————————————————————————————
प्रति पौधे में शाखाओं की संख्या अधिक होती है.
हर शाखा में फूल आती है.
इस तरह प्रति पौध में फूलों की संख्या बढ़ जाती है.
फूलों की संख्या अधिक होने से पौधों में फलों की संख्या अधिक आती है.Yield——————————————————————————————————————————————-
प्रति पौधे में शाखाओं की संख्या अधिक होती है.
हर शाखा में फूल आती है.
इस तरह प्रति पौध में फूलों की संख्या बढ़ जाती है.
फूलों की संख्या अधिक होने से पौधों में फलों की संख्या अधिक आती है.
प्रति पौध फलों की संख्या अधिक होने की वजह से उत्पादन बढ़ जाता है.
Resistance to plant pathogen————————————————————————————————————————————————
बैंगन की ग्राफ्टिंग के लिए हम rootstock के रूप में जंगली बैंगन का उपयोग करते हैँ. अधिकतर nurseries में बैंगन की ग्राफ्टिंग के लिए बैंगन की किसी F1 हाइब्रिड को ही rootstock के रूप में लिया जाता है. इससे इनमें समस्याएँ सामने आती हैँ:Soil borne रोगों से आसानी से प्रभावित हो जाना: इनमें wilt जैसी घातक पौध रोग शामिल हैँ. बैंगन के पौधों को wilt जैसी बीमारी से बचाने के लिए हम ग्राफ्टिंग की तकनिक को अपनाते हैँ. जंगली बैंगन eggplant की एक ऐसी प्रजाति है जो wilt से प्रभावित नहीं होती है, जबकि बैंगन की अन्य किस्में आसानी से wilt से प्रभावित हो जाती हैँ. यही कारण है कि हम बैंगन की उन्हीं प्रजातियों का उपयोग ग्राफ्टिंग में करते हैँ जो wilt से प्रभावित नहीं हो पाती हैँ.
2.Resistant to nematode——————————————————————————————————————————————————–
बैंगन की ग्राफ्टिंग करने के लिए हम उन rootstock का उपयोग करते हैँ जिनके जड़ अधिक विकसित होते हैँ. जिन पौधों का जड़ कम विकसित होता है या जिनके जड़ों का फैलाव कम होता है उन पर nematode का आक्रमण अधिक होता है. जंगली बैंगन के जड़ अधिक गहराई तक जाते हैँ और उनका फैलाव भी अधिक होता है. इस वजह से इन पर nematode का आक्रमण नहीं हो पाता है.
हम बैंगन की ग्राफ्टिंग के लिए जंगली बैंगन और अन्य विकसित जड़तंत्र वाले प्रजातियों का उपयोग करते हैँ.
3.Life cycle———————————————————————————————————————————————————————–
हमारे पास एक सामान्य प्रश्न है कि ग्राफ्टिंग किये हुए बैंगन के पौधों का जीवन काल कितना होता है?
बैंगन का पौधा प्राकृतिक रूप से बहुवर्षीय होता है. यह आसानी से 2 वर्ष तक जिन्दा रहता है. जंगली बैंगन पर ग्राफ्टिंग किये हुए पौधे आसानी से 2 साल तक उत्पादन देते रहते हैं.
पौधों से लम्बे समय तक अच्छी उत्पादन लेने के लिए उनमें समय – समय पर pruning जरुरी है.
4.Quality of fruits—————————————————————————————————————————————————————-
ग्राफ्टिंग के बाद हमारे पौधे अधिक मजबूत बन जाते हैँ. यह rootstock के प्रभाव कि वजह से होता है. इन पौधों से हमें उच्च गुणवत्ता वाले फल प्राप्त होते हैँ. फलों का आकर तो बढ़ता ही है साथ में इसके स्वाद में भी वांछित सुधार आता है. इन फलों से किसानों को बाजार में अधिक दाम मिलता है.
5.High yield———————————————————————————————————————————————
हमारे यहाँ जीतने भी लोकल मार्केट हैं वहाँ किसानों के द्वारा छोटे बैंगन ही बेचे जाते हैं. इनका उत्पादन कम होता है. जबतक अधिक उत्पादन नहीं होगा तबतक हमें लाभ होने कि सम्भावना नहीं होती है.
6.कम उत्पादन के कारण:
- पौधों का रोगों से ग्रसित होना.
- कीटों का आक्रमण.
- पौधों का छोटा होना.
रोगों से प्रभावित पौधे, कीटों के आक्रमण से क्षतिग्रस्त पौधे और छोटे आकार के पौधों से किसी भी हालात में अधिक उत्पादन प्राप्त नहीं किया जा सकता है.
अधिक उत्पादन लेने के लिए हमें बड़े आकर के पौधे चाहिए जो रोगों और कीटों से सुरक्षित रहे. इसी वजह से ग्राफ्टिंग किये हुए पौधों का उपयोग करते हुए ही हमें बैंगन कि खेती करनी चाहिए.
OM AGRO PLANT AND PLOTS
ZENDU IN ALL VARIETIES
SHEVANTI IN ALL VARIETY
GRAFTING BRINGAL PLANT
GRAFTING BRINGAL PLOT
GRAFTED KARELA
TOMATO SEEDLING PLANT
CAPSICUM IN ALL VARIETY
Mr. Shaliwan Subhedar Sabale, the owner and managing director of” OM AGRO TECHNOLOGY NURSERY” ,who is also been a Vice President of “ALL INDIAN NURSERY ASSOCIATION ”
OM AGRO TECHNOLOGY DIRECTION
AT.POST GOGAVALEWADI {KOREAGAON-KATHAPUR ROAD}